समाज सुधार सिर्फ संत रामपाल जी महाराज हैं।
एक तरफ जहां नि:संतान को समाज में हेयदृष्टि से देखा जाता था। वहीं संत रामपाल जी महाराज जी ने इस गलत धारणा को अपने अद्वितीय तत्वज्ञान से नष्ट कर दिया और बताया कि नि:संतान तो बहुत ही पुण्यकर्मी प्राणी होता है। क्योंकि उसका किसी से कोई लेना देना बकाया नहीं है। सतगुरु शरण में आकर उसका सहज मोक्ष हो सकता है।
जहां आज़ दहेज के कारण न जाने कितनी ही बहन बेटियों को समाज में जिंदा जला दिया जाता है, या फिर बहुत से कष्ट दिए जाते हैं। वहीं दूसरी ओर समाज सुधारक परम संत रामपाल जी महाराज जी अपने अनुयायियों को दहेज मुक्त विवाह करने की शिक्षा देकर दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं। बहन बेटियों को समाज में सम्मान के साथ जीने का अधिकार दे रहे हैं।
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