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कबीर साहेब जी का प्रकट दिवस 14जून

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आदरणीय गरीबदास जी महाराज को, 10 वर्ष की आयु में, कबीर परमेश्वर जिंदा महात्मा के रूप में सन् 1727 में नला नामक खेत में मिले और अपने सतलोक का साक्षी बनाया तब गरीबदास जी महाराज ने परमेश्वर की महिमा का वर्णन करते हुए कहा, अनन्त कोटि ब्रह्मांड का, एक रति नहीं भार। सतगुरु पुरुष कबीर हैं, कुल के सृजनहार।। कबीर परमेश्वर, नानक जी को जिंदा बाबा के रूप में बेई नदी के किनारे मिले और उनके आग्रह करने पर सतलोक दिखाया तब श्री नानक जी ने उनकी महिमा का वर्णन करते हुए कहा, हक्का कबीर करीम तू, बेएब परवरदिगार। नानक बुगोयद जनु तुरा, तेरे चाकरां पाख़ाक।।

kabir saheb ji prakat Divas 14June

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✴️14 जून कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में जरूर जानें कबीर साहेब का अद्वितीय तत्वज्ञान✴️ हम सभी जानते हैं कि कबीर साहेब आज से लगभग 600 वर्ष पहले इतिहास के भक्तियुग में एक कवी की भूमिका निभाकर गये। उनकी बहुमूल्य एवं अनन्य कबीर वाणी आज भी साहित्य की अनमोल धरोहर हैं। पर वे वास्तव में कौन थे? कबीर साहेब ने पूर्ण परमेश्वर के विषय में क्या ज्ञान दिया?  हम क्यों जन्मते मरते है?  हमे मारने में किस प्रभू का स्वार्थ है? इस सृष्टि का व् मोक्ष प्राप्ति का वह कौनसा रहस्य है जो अब तक अनसुलझा है?  इन सभी सवालों के जवाब स्वयं कबीर परमेश्वर ने आकर दिए। हर युग में परमात्मा कबीर स्वयं ही पूर्ण परमात्मा का संदेशवाहक बनकर आते हैं और अपना तत्वज्ञान सुनाते हैं। इस बात के साक्षी पवित्र वेद, पवित्र कुरान, पवित्र बाइबल, पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब भी हैं। कबीर साहेब ने अपने अनमोल तत्वज्ञान में इस नाशवान लोक के मालिक ब्रह्म/काल की जानकारी दी है, जो प्रतिदिन एक लाख मानव सूक्ष्म शरीर खाता है। इस ही वजह से हम सभी प्राणियों का जन्म मरण का चक्कर सदैव चलता रहता है, उसने सब प्राणियों को कर्म-भर्म व पाप-पुण्य रू...

बाखबर संत रामपाल जी महाराज

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कुरआन ज्ञान दाता अल्लाह ने स्पष्ट किया है कि मैंने ही हजरत मुसा को ‘‘तौरत‘‘ किताब उतारी थी तथा मूसा के लिए पत्थर से पानी के झरने निकाले थे।(सूरः अल् बकरा-2 आयत 41, 53, 60)। हम ही मुसा के बाद एक के बाद दूसरा पैगम्बर भेजते रहे तथा ईसाबिन मरियम को खुली निशानियाँ बख्शी तथा रूहुल कुदस(यानि जिब्रील) से उनको मदद दी। (सूरः अल् बकरा-2 आयत 87)

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समाज सुधार सिर्फ संत रामपाल जी महाराज हैं।

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एक तरफ जहां नि:संतान को समाज में हेयदृष्टि से देखा जाता था। वहीं संत रामपाल जी महाराज जी ने इस गलत धारणा को अपने अद्वितीय तत्वज्ञान से नष्ट कर दिया और बताया कि नि:संतान तो बहुत ही पुण्यकर्मी प्राणी होता है। क्योंकि उसका किसी से कोई लेना देना बकाया नहीं है। सतगुरु शरण में आकर उसका सहज मोक्ष हो सकता है। जहां आज़ दहेज के कारण न जाने कितनी ही बहन बेटियों को समाज में जिंदा जला दिया जाता है, या फिर बहुत से कष्ट दिए जाते हैं। वहीं दूसरी ओर समाज सुधारक परम संत रामपाल जी महाराज जी अपने अनुयायियों को दहेज मुक्त विवाह करने की शिक्षा देकर दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं। बहन बेटियों को समाज में सम्मान के साथ जीने का अधिकार दे रहे हैं।

सन्त रामपाल जी महाराज की जीवनी और सद्ज्ञान के लिये सँघर्ष ---//💐💐

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संत रामपाल जी महाराज जी की जीवनी संत रामपाल जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करके हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजिनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। सन् 1988 में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा प्राप्त की तथा तन-मन से सक्रिय होकर स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग से साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया। संत रामपाल जी को नाम दीक्षा 17 फरवरी 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या को रात्राी में प्राप्त हुई। उस समय संत रामपाल जी महाराज की आयु 37 वर्ष थी। उपदेश दिवस (दीक्षा दिवस) को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है। उपरोक्त विवरण श्री नास्त्रोदमस जी की उस भविष्यवाणी से पूर्ण मेल खाता है जो पृष्ठ संख्या 44.45 पर लिखी है। ”जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व नेता की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा, बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में संसार में प्रसिद्ध होगा। वह सन् 2006 होग...

🏵️क्या नवरात्रि शास्त्र अनुकूल भक्ति है ??

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🙏दोस्तों आज हम बात करेंगे हमारे देश के सनातन धर्म (हिन्दू धर्म) द्वारा मनाये जाने वाले त्यौहार नवरात्रि की जिसको हमारे देश के साथ विदेशों में रह रहे हिंदू भी हर बार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। आप हमारे इस आर्टिकल से नवरात्रि के त्यौहार का क्या महत्व है, नवरात्रि त्यौहार क्यों मनाया जाता है, नवरात्रि त्यौहार में माँ दुर्गा के किन-किन स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है, नवरात्रि कब-कब मनाया जाता है, इसको मनाने के क्या तरीके हैं नवरात्रि त्यौहार को मनाए जाने की पौराणिक कथाएं क्या है एवं नवरात्रि त्यौहार से जुड़ी बहुत सी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आप हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर अपने स्कूल/ कॉलेज की निबंध प्रतियोगिता में अच्छे से भाग ले सकते हैं । 🤔क्या है नवरात्रा त्यौहार--?? 👉👉नवरात्रि त्यौहार प्रति वर्ष मुख्य रूप से दो बार बनाया जाता है, हिंदी महीनों के अनुसार पहला नवरात्रि चैत्र मास में मनाया जाता है तो दूसरा नवरात्रि अश्विन मास में मनाया जाता है। अंग्रेजी महीनों के अनुसार पहले नवरात्रि मार्च/ अप्रैल एवं दूसरे नवरात्रि सितम्बर/ अक्टूबर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्...